Highlights
1. किसान बचाओ मंडी बचाओ रैली।
2. पुलिस ने किया लाठीचार्ज, कई किसान जख्मी।
3. NH-44 को 1 घंटे तक रखा जाम।
केन्द्र सरकार द्वारा लाये गए कृषि अध्यादेशों के विरोध मे प्रदेशभर के किसानों ने गुरुवार को जमकर विरोध किया। रोकने के बाद किसानों ने किसान बचाओ मंडी बचाओ रैली के लिए बड़ी सँख्या मे किसान, व अन्य व्यापारी पहुचे। पुलिस ने लाठीचार्ज किया। लाठीचार्ज के विरोध मे किसानों ने पथराव कर दिया।
उसके बाद किसानों ने दिल्ली-चंडीगढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग को जाम कर दिया। और अपनी मांगो पर अडे रहे। 1 घंटे के बाद प्रशासन ने रैली की मंजूरी दी। दोपहर 2 बजे किसानों ने पिपली मंडी मे अपनी रैली की। रैली मे कई किसानों और पुलिसकर्मी को चोट लगी। और पास मे खड़ी फायर ब्रिगेड की गाडी भी क्षतिग्रस्त हो गयी।
सरकार ने लगाई किसान रैली पर रोक
पिपली मे प्रस्तावित किसान रैली को सरकार ने रोक दी थी। और किसानों को किसान रैली कुरुक्षेत्र मे पहुचने से रोका ।
सरकार के विरोध मे किसानों ने पिपली अनाज मंडी मे रैली की।
और पुलिस ने उन्हे रोकने के लिए लाठीचार्ज किया, विरोध मे किसानों ने पुलिस पर पथराव किया। और 1 घंटे तक राष्ट्रीय राजमार्ग को जाम कर दिया।
रैली को समर्थन देने पहुंचे वरिष्ठ कांग्रेसी नेता पूर्व मंत्री अशोक अरोड़ा, लाडवा कांग्रेसी विधायक मेवा सिंह, इंप्रूवमेंट ट्र्स्ट के पूर्व चेयरमैन जलेश शर्मा व संगठन मंत्री सुभाष पाली सहित अन्य किसान नेताओं को पुलिस हिरासत में ले लिया। मौके पर डीसी शरणदीप कौर, एसपी आस्था मोदी व एसडीएम अखिल भी पहुंचे। उन्होंने किसानों को समझाने की कोशिश की लेकिन मांग पर पद अड़े रहे। आखिरकार प्रशासन को किसानों के आगे झुकना पड़ा और रैली करने की इजाजत दी। जाम के बाद दोपहर करीब दो बजे किसानों ने पिपली अनाज मंडी में पहुंचने पर रैली शुरू हुई।
नहीं मानी मांग तो 15 से धरना
मंडी में किसानों को संबोधित करते हुए भारतीय किसान यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि सरकार ने अन्नदाता पर लाठीचार्ज कर गलत किया है। अब हम सरकार को चार दिन का समय देते है। चार दिन में सरकार तीनों अध्यादेशों को वापस लेने की बात मान लें, अगर सरकार उनकी बात नहीं मानती है तो प्रदेशभर के किसान 15 सितंबर से जिलास्तर पर धरना शुरू करेंगे।
Haryana सरकार का नया कृषि अध्यादेश
इन अध्यादेश का विरोध कर रहे हैं किसान
पहले कानून के मुताबिक हर व्यापारी केवल मंडी से ही किसान की फसल खरीद सकता था। अब व्यापारी को इस कानून के तहत मंडी के बाहर से फसल खरीदने की छूट मिल जाएगी। अनाज, दालों, खाद्य तेल, प्याज, आलू आदि को जरूरी वस्तु अधिनियम से बाहर करके इसकी स्टॉक सीमा समाप्त कर दी गई है। सरकार कांट्रेक्ट फॉर्मिंग को बढावा देने की बात कह रही है।