अधिकारियों को बताने के बाद कार्रवाई नहीं हुई तो पहुंची महिला आयोग, मां-बाप को सुनवाई के लिए बुलाया
हरियाणा महिला आयोग में महिलाओं से संबंधित अपराधों की शिकायतों पर सुनवाई हो रही है। आयोग के पास आठ जिलों की महिलाओं की शिकायतों पर पहुंची हैं। इस सुनवाई में एक मामला महिला पुलिस कांस्टेबल का भी आया। महिला कॉन्स्टेबल को उसके मां-बाप मर्जी से शादी नहीं करने दे रहे। इस पर आयोग ने सुनवाई के लिए मां-बाप को बुलाया। सुनवाई के बाद फैसला लिया गया कि तीनों बहनों को वन स्टॉप सेंटर में रखा जाएगा। अभी महिला कांस्टेबल व उनकी बहनों ने एफआईआर नहीं करवाई।
हरियाणा के मेवात जिले की रहने वाली महिला कॉन्स्टेबल मौजूदा समय में डेपुटेशन पर डीजीपी कार्यालय सेक्टर 6 में नियुक्त है। परिवार में चार बहनें और दो भाई है। बड़ी बहन शादीशुदा है। पिता आर्मी से रिटायर्ड कर्नल हैं। परिवार जीरकपुर के ढकौली में रहता है। बुधवार को सुनवाई में महिला कॉन्स्टेबल ने आयोग को शिकायत दी कि उसके मां बाप उसके साथ मारपीट करते हैं। वह अपनी इच्छा से शादी करवाना चाहती है, लेकिन मां-बाप करने नहीं दे रहे। मंगलवार को भी उसके साथ मारपीट की। इसके बाद उसने अपने उच्चाधिकारियों को मामले की जानकारी दी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।
आखिरकार उसने मंगलवार को महिला आयोग का दरवाजा खटखटाया। इसके बाद आयोग ने उसके मां बाप को बुलाया। मामले में काउंसिलिंग के लिए महिला एसएचओ नेहा चौहान भी पहुंची। चेयरपर्सन प्रीति भारद्वाज ने बताया कि परिवार को बुलाकर सुनवाई की। महिला कांस्टेबल व उसकी बहनों ने आयोग को बताया कि वे अपने घर में नहीं रहना चाहती। इसलिए आयोग ने वन स्टाप सेंटर में उनके रहने की व्यवस्था करवाने का फैसला लिया। महिला कांस्टेबल ने बताया कि वे अपने मां बाप के खिलाफ शिकायत दर्ज नहीं करवाना चाहते। लेकिन वे उनके साथ रहना भी नहीं चाहते। आयोग ने महिला थाना एसएचओ नेहा चौहान को अपने सरंक्षण में सामान लेकर आने के निर्देश दिए। महिला एसएचओ नेहा चौहान ने बताया कि महिला कांस्टेबल और उसकी दो बहनें के रहने की व्यवस्था वन स्टाप सेंटर में की जाएगी। वीरवार को पुलिस सरंक्षण में घर से सामान लाया जाएगा।
आठ जिलों की शिकायतों पर सुनवाई
आयोग में करनाल, कुरुक्षेत्र, पंचकूला, यमुनानगर, अंबाला, रोहतक, सोनीपत और पानीपत जिले की दहेज, पोस्को एक्ट, सेक्सुअल हरासमेंट, लिव इन रिलेशनशिप की शिकायतें आई हैं। करीब 50 से ज्यादा शिकायतों पर सुनवाई की जा चुकी है। महिला आयोग की चेयरमैन प्रीति भारद्वाज का कहना है कि शिकायतों में ज्यादातर पुलिस के खिलाफ ही केस आए हैं। तीन से चार मामलों में पुलिस कर्मचारियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई करने के लिए डीजीपी को लिखा जाएगा।