डेढ़ साल से किराये की कोठी में रात को केमिकल मिला नकली घी कर रहे थे तैयार, 1225 लीटर नकली देसी घी व केमिकल बरामद, मालिक गिरफ्तार

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सीएम फ्लाइंग ने सिरसा रोड पर एक होटल के पीछे बनी एक कोठी में सुबह तड़के 3 बजे छापा मारते हुए नकली देसी घी बनाने की फैक्टरी का भंडाफोड़ किया। सीएम फ्लाइंग ने स्वास्थ्य विभाग की फूड सेफ्टी टीम की मदद से घी के सैंपल लिए। टीम ने 7 सैंपल लिए हैं, जिसमें 6 घी के व एक केमिकल का सैंपल शामिल है। जिस केमिकल से घी बनाया जा रहा था। फूड इंस्पेक्टर के मुताबिक जिस केमिकल का प्रयोग किया जा रहा है।

वह स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है, हालांकि रिपोर्ट आने के बाद ही इसकी पुष्टि होगी कि यह कितना हानिकारक केमिकल है। यहां तैयार हो रहे घी को फतेहाबाद, रतिया, टोहाना, हांसी के अलावा अन्य एरिया में भी सप्लाई किया जाता था। इस कोठी में करीब डेढ़ साल से नकली घी बनाने का काम किया जा रहा था। इस मामले में पुलिस ने मुकुल सचदेवा पर नकली पदार्थ बनाने और धोखाधड़ी का केस केस दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस पता लगाएगी इसके अलावा वे कहां-कहां पर नकली घी बेचते और इसमें और कौन-कौन शामिल थे।

मार्केट में इन ब्रांडों के नाम से सप्लाई हो रहा था नकली घी

इस फैक्टरी से कुबेर देसी घी, किचन देसी घी, मदर लाइक देसी घी, हरियाणा सेफ देसी घी, जुगुली देसी सहित अन्य अलग- अलग ब्रांड के नाम के डिब्बों में नकली घी की सप्लाई मार्केट में होती थी। सीएम फ्लाइंग ने मौके से 320 लीटर कुबेर देसी घी, 290 लीटर किचन देसी घी, 100 लीटर मदर लाइक देसी घी, 35 लीटर हरियाणा सेफ देसी घी, 480 लीटर जुगुली देसी बरामद किया है। टीम ने पुलिस की मदद से वहां से करीब सवा 1200 लीटर से ज्यादा देसी घी बरामद किया। जोकि अलग-अलग कंपनी के नाम से बने डिब्बों में पैक किया हुआ था। हनुमत ट्रेडिंग कंपनी के नाम से इसका मालिक इस तरह के घी बनाने का काम कर रहा था। फैक्टरी का मालिक हांसी निवासी मुकुल सचदेवा बताया है। इस दौरान सीएम फ्लाइंग ने मौके पर काम कर रहे कारिंदे को भी हिरासत में ले लिया।

पैकिंग का मिला था लाइसेंस, 3 माह पहले हो गया था एक्सपायर

हनुमत ट्रेडिंग कंपनी के संचालक मुकुल सचदेवा को डिब्बों की पैकिंग का मिला लाइसेंस था, यानि वह डिब्बों पर पैकिंग कागज लगा सकते हैं, लेकिन पैकिंग की बजाय वह खुद ही नकली घी तैयार करने में लगे हुए थे। वहीं पैकिंग के लाइसेंस को एक्सपायर हुए तीन महीने हो गए है।

दिन में काम न होने से किसी को नहीं थी जानकारी

स्वास्थ्य विभाग व सीएम फ्लाइंग ने नकली घी बनाने के मामले में कोठी में छापेमारी शुक्रवार सुबह तड़के 3 बजे की। टीम की माने तो रात को ही कोठी में नकली घी बनाने का काम होता था। दिन होते ही काम बंद हो जाता था, जिससे किसी को कुछ भी पता न चले। एक साल पहले स्वास्थ्य विभाग की टीम ने इस कोठी के साथ बनी दूसरी कोठी में भी नकली घी बनाने को लेकर छापेमारी की थी, लेकिन उस दौरान यह कोठी बंद थी। इसके बाद दोबारा कभी इस ओर ध्यान ही नहीं दिया।

केमिकल डाल बनाया जा रहा था नकली घी

सब इंस्पेक्टर दुष्यंत ने बताया है कि कोठी में नकली घी बनाने में खास तरह का केमिकल डाला जाता था। जिसमें उसमें देसी घी जैसी सुगंध आती थी, लेकिन वह केमिकल सेहत के लिए काफी हानिकारक है।

350 रुपये लीटर बेचा जा रहा था नकली घी

सीएम फ्लाइंग को जिन ब्रांड के नकली देसी घी के डिब्बे मिले है। उनकी सप्लाई रतिया, हांसी, फतेहाबाद, टोहाना में की जाती थी। नकली घी 350 रुपये लीटर के भाव से बाजार में आम लोगों को बेचा जा रहा था। नकली देसी घी के डिब्बों पर नाम बड़ी- बड़ी कंपनियों के ब्रांड घी के नाम से मिलते जुलते रखे हुए थे, जिससे लोग आसानी से इसे खरीद ले।

शुक्रवार शाम तक चली सीएम फ्लाइंग की कार्रवाई

शुक्रवार सुबह तड़के 3 बजे सीएम फ्लाइंग ने अपनी टीम के साथ छापेमारी की थी। जो शाम तक चलती रही। टीम ने मौके से काफी मात्रा में पैकिंग कागज बरामद किए है। शाम 4 बजे के बाद फैक्टरी से बरामद सामान को सिटी थाने में रखवाया गया।

7 सैंपल लिए गए है : फूड सेफ्टी अधिकारी

हमारी तरफ से 7 सैंपल मौके से लिए गए है। एक बात तो साफ है कि कोठी में नकली घी तैयार हो रहा था, क्योंकि जो लाइसेंस संचालक को मिला था, वह केवल पैकिंग करने के लिए दिया हुआ था, लेकिन पैकिंग की बजाय वह खुद ही घी तैयार कर रहे थे। वह लाइसेंस भी एक्सपायर हो चुका था। पहले छापेमारी की थी तो यह कोठी बंद थी जबकि इसके साथ वाली कोठी खुली थी। वहां भी नकली घी को लेकर छापेमारी की गई थी। सुरेंद्र पूनिया, फूड सेफ्टी अधिकारी।