चौटाला हाइवे पर हादसे में जान गंवाने वाले दंपति ज्यादा ट्रैफिक और दुर्घटना से बचने के लिए अलसुबह 4 बजे घर से चले थे। सेफ्टी के लिए हेलमेट पहना और दिन चढ़ने तक पंजाब पहुंचकर फोन करने का वादा किया था लेकिन आधे रास्ते में ही अबूबशहर के पास हादसा हो जाने से दोनों की जान चली गई। वहीं बढ़ते हादसों के चलते हाईवे से संबंधित सभी पंचायतों की ओर से पेट्रोलिंग एंबुलेंस तैनात किए जाने की अधूरी मांग पूरी करने के लिए जिला प्रशासन से दोबारा पत्र लिखा जाएगा।
गांव अबूबशहर में अनाज मंडी के सामने दुर्घटना में जान गवाने वाले दंपति लक्ष्मण सिंह और महेंद्र कौर ज्यादा ट्रैफिक से बचने के लिए अलसुबह 4 बजे पीलीबंगा अपने घर से रवाना हुए थे ताकि दिन निकलने तक पंजाब के भूचो मंडी में सुरक्षित पहुंच सके। भूचो मंडी में रेलवे स्टेशन के पास वार्ड 9 में लक्ष्मण सिंह के साडू बख्तावर सिंह रहते हैं और उनकी सास अस्वस्थ होने के चलते मुलाकात करने अपनी पत्नी महेंद्र कौर सहित लक्ष्मण सिंह बाइक पर जा रहे थे। मृतक लक्ष्मण सिंह के इकलौता बेटा रविंदर सिंह पीलीबंगा में एडवोकेट है।
चौटाला से सकता खेड़ा रोड संकरा होने के कारण होती है ज्यादा दुघर्टनाएं
चौटाला हाईवे सबसे संकरा महज 7 मीटर रोड होने से पिछले कई साल से काफी दुर्घटनाएं हो रही है। इसमें बड़ा कारण हाइवे किनारे रोड की बर्म नहीं होने और कई जगह झाड़ियां होने से साइड देना भी कई जगह संभव नहीं है। वाहन को रोड से नीचे उतारा जाए तो टायर 7 इंच नीचे एकदम जाने से वाहन अनियंत्रित होते हैं।