जिले की सड़कों को नुकसान के साथ सड़क हादसों का सबब बने ओवरलोडेड वाहनों पर अब जिला प्रशासन कड़े कदम उठाने जा रहा है। अब ओवरलोडेड का चालान काटने के लिए आरटीए टीम के साथ अन्य अधिकारी भी नाके लगाकर चालान काटते नजर आएंगे। नाके लगाने के लिए टीम मेंबर को चिन्हित कर लिया गया है। अब जिले के 9 पहाड़ों से निकलने वाले अप्रोच रास्तों पर प्रशासनिक अधिकारी पुलिस के साथ संयुक्त नाके लगाएंगे।
ताकि ओवरलोडेड वाहनों को मुख्य मार्गों पर चढ़ने से पहले ही रोक कर उनका चालान किया जा सके। यह नाके लगाने के लिए एडीसी पहाड़ों के आने जाने वाले अप्रोच रास्तों का मैप तैयार कर रहे हैं। जिसके आधार पर ही नाके फाइनल किए जाएंगे। फिलहाल मैप के आधार पर 7 नाकों के लिए जगह चिन्हित की गई है मगर अभी इन साइटों को फाइनल नहीं किया गया है। जिला प्रशासन इस महीने के आखिर तक नाके लगाकर चालान करने की रणनीति पर कार्य कर रहा है।
इन जगहों पर नाके लगाने की बनाई रणनीति
लोहारू चौक से थोड़ा आगे चलते ही कलियाणा पहाड़ की तरफ जाने वाले रास्ते पर नाका लगाया जाएगा। इस नाके से कलियाणा पहाड़ और खेड़ी बत्तर पहाड़ से आने वाले ओवरलोडेड वाहनों के चालान किए जा सकेंगे। दूसरा नाका गांव मैहड़ा से बिरही कलां मौड़ के बीच लगाया जाएगा। जहां से असावरी पहाड़ और कलियाणा पहाड़ से आने वाले ओवरलोडेड काे रोका जाएगा। तीसरा नाका झोझू कलां से आदमपुर के बीच लगाया जाएगा। जहां पर झोझू कलां पहाड़ और रामलवास पहाड़ से आने वाले ओवरलोडेड को रोका जाएगा।
चौथा नाका गांव पांडवान से लोहारू रोड के बीच लगाया जाएगा। जहां पर पांडवान पहाड़ से आने वाले ओवरलोडेड को रोका जाएगा। पांचवां नाका गांव बधवाना व जावा के बीच लगाया जाएगा। जहां से माई पहाड़ से आने वाले ओवरलोडेड को रोका जाएगा। छठा नाका गांव अटेला के कच्चे रास्ते पर लगाया जाएगा जहां अटेला पहाड़ से आने वाले डंपरों के चालान किए जाएंगे। वहीं 7वां नाका गांव पिचौपा में लगाकर वहां के पहाड़ से निकलने वाले डंपरों के चालान किए जाएंगे। फिलहाल प्रशासन ने यह नाके तैयार किए हैं जिन पर मंथन किया जा रहा है।
इन अधिकारियों के नेतृत्व में लगेंगे नाके
एडीसी, सिटीएम, एसडीएम, आरटीए सह सचिव, 2 टीएसआई और 1 टीएएसआई के नेतृत्व में टीम गठित कर सातों नाकों पर टीम तैनात की जाएगी। अधिकारियों के साथ पुलिस प्रशासन का भी पूरा सहयोग रहेगा। इसके लिए एसपी बलवान सिंह राणा ने पूरी मदद करने का आश्वासन दिया है। ऐसे में प्रशासनिक अधिकारियों व पुलिस कर्मचारियों की संयुक्त टीम बनाकर नाकों पर तैनात होकर ओवरलोडेड के चालान करेगी।
माफिया करते रहते अधिकारियों की रैकी
जिले में अब सिर्फ ओवरलोडेड पर किसी का खौफ है तो वह एडीसी व एसडीएम ही हैं। इन दोनों ही अधिकारियों की ओवरलोडेड माफिया के लोग रैकी करते रहते हैं। जैसे ही अधिकारी ऑपिस से निकलते हैं माफिया के लोग उनकी लोकेशन व्हाटसएप ग्रुपों में डालने रहते हैं। ग्रुपों में अधिकारियों की लोकेशन देखने के बाद ओवरलोडेड वाहन रास्ता बदल लेते हैं या फिर पहले ही किसी ढाबा या होटल पर ठहर जाते हैं।
मुख्य मार्गों पर चालान तो अप्रोच रास्तों से दूसरे मार्गों से निकालते हैं डंपर
फिलहाल एडीसी व एसडीएम ही ओवरलोडेड वाहनों के चालान काट रहे हैं। दोनों अधिकारियों को जब भी समय लगता है वह ग्राउंड पर जाकर चालान करते हैं। ऐसे में वाहन चालकों को जैसे ही पता चलता है कि एडीसी या एसडीएम चालान काट रहे हैं वह तुरंत दूसरे मार्गों से अपने ओवरलोडेड वाहन निकाल कर दूसरे जिलो में सीमा में पहुंच जाते हैं।
